बारिश बारिश

टेलीफोन बूथ में “मैं दिल्ली बोल रहा हूँ मैडी से” वाली बारिश

POETRY

मोहित बाम्बोली

10/18/2025

बारिश बारिश

बारिश बारिश,

किसिकी सिफारिश वाली बारिश,

किसिको ना पसंद, वैसी बारिश।

मगर अपने मन का करें वो बारिश।

वो कागज़ के कश्ती चलाने वाली बारिश,

वो कुछ देर खेलकर बीमार पड़ जाने वाली बारिश।

वो स्कूल की छुट्टी करा देने वाली बारिश,

वो बैग में रखी किताबे भीगा देने वाली बारिश।

वो पकोड़े और चाय वाली बारिश,

वो इश्क का इज़हार करने वाली बारिश।

किसीका इंतज़ार करने वाली बारिश,

टेलीफोन बूथ में “मैं दिल्ली बोल रहा हूँ मैडी से” वाली बारिश।

खेती करें उनकी दरख्वास्त बारिश,

सूखा भर दे, वो बारिश।

पानी को लेकर लड़ाई के बाद जो पानी से घर-ओ-सड़क भर दे, वो बारिश,

छज्जों से जो पानी टपके, वो बारिश।

कुछ है जिन्हे पसंद है बारिश,

बाद की मिट्टी की गंध देने वाली बारिश।

बिजली जाने पर, मोमबत्ती पर चर्चे वाली बारिश,

वो गरजते बादल से डरकर माँ बाप के पास जाकर सोने वाली बारिश।

अब कुछ है जिन्हे नापसंद बारिश,

जिन्हे धूप पसंद, ना वो जो लाए साथ बारिश।

कुछ काम हो, कुछ घूमे, खाली आसमान, बिना बारिश,

घर में बंद बीमार करदे, नहीं चाहिए वैसी बारिश।

बारिश बारिश,

अब कल ही आना बारिश।

कुछ काम, कुछ घूमना, कुछ धूप, मांग रहे है, दे दो बारिश,

अब उनकी खुशी है, तो तुम उनकी सहूलियत से रात को आना बारिश।

मुझे क्या पसंद, उससे क्या लेना देना बारिश,

ये सब शब्द ही तो है बारिश।

उनको धूप दे दे बारिश,

ये आवारी सर्द-रात ही तेरी-मेरी सही, बारिश।

बारिश बारिश,

मुझे बेहद पसंद वो बारिश,

उन्हे नापसंद वो बारिश,

तू ज़रूरी बारिश, मगर फिलहाल मुझे भी नापसंद बारिश।