पुराना वाला इश्क

मुझसे वो पुराना वाला इश्क करलों

POETRY

मोहित बाम्बोली

9/11/20251 min read

मुझसे वो पुराना वाला इश्क करलों,

हम दोनों से भी पहले वाला इश्क करलों,

वो फिल्मों वाला,

पापा-मम्मी के ज़माने का इश्क करलों।

मुझे यह आज कल का तरीका समझ नहीं आता,

मुझसे, छुपते-छुपाते, डर-डर के मिलने वाला, इश्क करलों।

मैं भी चाहता हूँ याद करना तुम्हारे मोहल्ले के PCO का नंबर,

ताकि हर रोज़ एक तय समय पर, तुमसे 1 रुपए जितना बात कर सकूँ।

मेरे पास एक चेतक हो,

और तुम्हें मैं तुम्हारे दफ्तर से लेकर,

गोलगप्पे खिलाकर,

तुम्हारे घर से चार गली दूर छोड़ सकूँ।

मुझे वो इश्क चाहिए जो

छार दोस्त, बैठक में बैठे, बीड़ी पर, चर्चा किया करते।

मुझे तुमसे खामोशी वाला इश्क करना है,

मुझे तुमसे गुप्त इश्क करना है।

मुझे बाज़ारों वाला इश्क करना है,

तुम्हारी मम्मी का पीछा, सब्ज़ी मंडी तक करना है।

तुम्हें चुपके से गजरा देकर,

शाम को तुम्हारी गली के बाहर, तुम्हें काजल और गजरे के साथ देखने को तड़पना है।

मुझे एक-तरफा इश्क भी ऐसा चाहिए,

जिसमे तुम अपने बाल सुखाने छत पर आओ,

और मैं सामने वाली चाय की टपरी से तुम्हें निहारूँ,

नज़र मिलाने को तरसूँ।

सीमित समय,

लंबी जुदाई,

दिनों की आस,

तुम मुझसे वो इंतज़ार वाला इश्क करलों।

अब, इश्क आसान हो गया है,

जो मिला, वो प्राप्य हो गया है।

अब भरोसा नहीं, शक ज़्यादा होने लगा है,

मुझपर भरोसा करो, मुझसे तुम कल वाला इश्क करलों।

मेरी इश्क की समझ ज़्यादातर फिल्मों और गानों से बनी है,

मुझे वो शर्मों-शर्मी वाला इश्क पसंद है,

वो मुश्किल से मिलने वाला इश्क पसंद है,

वो बगावत वाला इश्क पसंद है।

मुझे प्रेम और निशा वाला इश्क पसंद है,

वो राज और सिमरन वाला इश्क पसंद है।

मैं भी चाहता हूँ हमारी एक कहानी बने,

जिसे सुनकर, सबको वो कोई फिल्म की लगे।

सिर्फ इश्क ही नहीं,

मुझे साथ भी पुराना-सा निभाना है।

तुम मिलों या ना मिलों,

सारी ज़िंदगी तुम्हारे नाम कर, तुमको इमरोज़ी प्यार दिखाना है।

आज भी कुछ हिस्से है इस शहर के,

जो पुराने है, कल के है।

कई कहानियाँ है इनके पास कहने को,

इजाज़त दो तो, हम भी अपनी एक कहानी इतिहास कर आते है।